Ballot पर Battle! Ramleela Maidan में Congress का Power Show

शकील सैफी
शकील सैफी

दिल्ली रामलीला मैदान में रविवार को कांग्रेस पार्टी ने कथित ‘वोट चोरी’ के मुद्दे पर बड़ा विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन को सिर्फ दिल्ली की लड़ाई नहीं, बल्कि देशव्यापी लोकतांत्रिक चेतावनी के तौर पर पेश किया जा रहा है।

दक्षिण से दिल्ली तक: Power in Numbers

इस विरोध प्रदर्शन की खास बात यह है कि इसमें कर्नाटक कांग्रेस पूरी ताकत के साथ उतर रही है
कर्नाटक से 1,000 से ज्यादा पार्टी कार्यकर्ता, 100+ विधायक और एमएलसी, ट्रेन और फ्लाइट से दिल्ली पहुंचे हैं। कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार खुद इस प्रदर्शन में मौजूद रहें।

राजनीति में संख्या मायने रखती है— और कांग्रेस इस बार Headcount से Message देना चाहती है।

DK शिवकुमार का बड़ा दावा

बेंगलुरु में पत्रकारों से बातचीत करते हुए डी.के. शिवकुमार ने कहा कि ‘वोट चोरी’ अभियान की शुरुआत फ्रीडम पार्क, बेंगलुरु से हो चुकी है और अब उसका अगला पड़ाव दिल्ली है।

उन्होंने साफ कहा कि यह आंदोलन लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को मजबूती देगा। और पार्टी इस मुद्दे को राष्ट्रीय बहस बनाना चाहती है।

राहुल गांधी और खड़गे की अगुवाई

शिवकुमार ने बताया कि AICC अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं। राहुल गांधी पहले भी चुनाव हार के बाद इसी तरह का जन-जागरूकता अभियान चला चुके हैं।

कांग्रेस का मानना है कि यह लड़ाई सिर्फ हार-जीत की नहीं, लोकतंत्र की विश्वसनीयता की है।

सिद्धारमैया भी मैदान में उतरेंगे

शनिवार को डी.के. शिवकुमार दिल्ली पहुंच चुके हैं, जबकि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया रविवार को दिल्ली पहुंचकर प्रदर्शन में शामिल होंगे।

यानि संदेश साफ है— यह सिर्फ पार्टी का नहीं, पूरी कर्नाटक कांग्रेस सरकार का Stand है।

‘वोट चोरी’ का आरोप क्या है?

डी.के. शिवकुमार ने आरोप लगाया कि देशभर में अल्पसंख्यक मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटाए गए। इस मुद्दे पर सरकार जवाब देने से बच रही है।

उन्होंने कहा कि RTI के तहत मांगी गई जानकारी नहीं दी जा रही। खुद उन्होंने भी सूचना मांगी, लेकिन जवाब नहीं मिला।

जब सवाल पूछे जाएं और जवाब न मिलें, तो शक अपने आप गहरा हो जाता है—यही कांग्रेस का तर्क है।

कांग्रेस का मकसद क्या है?

कांग्रेस पार्टी का कहना है कि इस प्रदर्शन का उद्देश्य:

  • चुनावी प्रक्रियाओं में कथित अनियमितताओं पर राष्ट्रीय ध्यान खींचना
  • मतदाता सूची से नाम हटाने के मामलों में जवाबदेही तय करना
  • और स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करना है

पार्टी इसे लोकतंत्र बचाओ अभियान का अहम हिस्सा बता रही है।

जब वोट गिनती से पहले गायब हो जाए!

राजनीति में अब सवाल यह नहीं रहा कि “किसे वोट मिला?” बल्कि यह बनता जा रहा है कि—“वोटर लिस्ट में नाम बचा भी या नहीं?”

रामलीला मैदान में कांग्रेस इसी सवाल को माइक, मंच और भीड़ के जरिए दोहराने जा रही है।

रामलीला मैदान का यह प्रदर्शन:

  • सिर्फ एक राजनीतिक इवेंट नहीं
  • बल्कि 2024 के बाद की विपक्षी रणनीति का संकेत है।

अब देखना यह है कि यह आवाज़ सिस्टम तक पहुंचती है या फिर शोर में दबकर रह जाती है।

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